Debit Card in Hindi, डेबिट कार्ड नंबर, डेबिट कार्ड क्या होता है, डेबिट कार्ड कैसे बनता है, हिंदी में डेबिट कार्ड का मतलब और भी जुड़ी कई सारी जानकारियां |
1. डेबिट कार्ड हिंदी में (Debit Card in Hindi)
डेबिट कार्ड (Debit Card), क्रेडिट कार्ड के जैसा ही एक प्लास्टिक कार्ड है जिस पर 16 अंक का डेबिट कार्ड नंबर अंकित या छपा रहता है | यह कार्ड आपको ऑनलाइन खरीदारी एवं कैश की सुविधा देता है |
क्रेडिट कार्ड पर वित्तीय संस्था द्वारा क्रेडिट की सीमा मिलती है जिससे आप खर्च करके खरीदारी करते हैं और यह क्रेडिट बाद में आपको ड्यू डेट के रहते चुकाना पड़ता है लेकिन डेबिट कार्ड में ऐसा नहीं है डेबिट कार्ड में आपको बैंक ना क्रेडिट देती है और ना कैश |
डेबिट कार्ड पर वही धनराशि खर्च होती है जो आपके बैंक खाते में उपलब्ध होती है।
डेबिट कार्ड से जब खरीदारी करते या एटीएम से कैश निकालते हैं तब बैंक खाते से पैसे कट जाते हैं
डेबिट कार्ड पर आमतौर, रोजाना खरीदारी की सीमा होती है।
डेबिट कार्ड के तीन नंबर होतें है | 16 अंक का डेबिट कार्ड नंबर, 4 अंको का पिन नंबर (ये डेबिट कार्ड पर अंकित नहीं होता) और 3 अंकों का CVV नंबर डेबिट कार्ड के सन्दर्भ में जानना बहुत जरुरी है |
16 अंक के डेबिट कार्ड (Debit Card) नंबर कि खास विशेषता है|
डेबिट कार्ड (Debit Card) पर लगे हुए पहले 6 अंक जारीकर्ता का identification नंबर होता है जिसे Issuer Identification Number (IIN) कहते हैं
डेबिट कार्ड (Debit Card) पर लगे हुए अगले 9 अंक यानी 7 से लेकर 15 तक, कार्ड धारक का अकाउंट नंबर बताता है | लेकिन यह जरूरी नहीं कि यह अकाउंट नंबर आपके बैंक अकाउंट नंबर हो | यह यूनिक (unique) अकाउंट नंबर कार्ड धारक के वित्तीय संस्था द्वारा कार्ड पर दिया जाता है इसी नंबर पर सुरक्षा कारणों और संचार के लिए, क्रॉस लगा दिया जाता है |
डेबिट कार्ड (Debit Card) का 16 वां अंक एक चेक अंक होता है | यह बताता है कि कार्ड नंबर बिल्कुल सही है या नहीं |
डेबिट कार्ड (Debit Card) का पिन क्या काम करता है?
जिस तरह एटीएम कार्ड का पिन एटीएम मशीन में जाकर इस्तेमाल करने के लिए होता है उसी तरह डेबिट कार्ड (Debit Card) पर भी 4 अंक का पिन दिया जाता है जिसकी मदद से आप एटीएम मशीन में जाकर डेबिट कार्ड (Debit Card) के द्वारा कैश निकाल सकते हैं |
यह पिन पॉइंट ऑफ सेल्स, Point of Sales (POS), टर्मिनल पर भी इस्तेमाल करके, लेन देन (transaction), को सफलतापूर्वक किया जा सकता है | इस पिन को कार्ड धारक अपने अनुसार सुरक्षा कारणों से, बदल भी सकता है |
डेबिट कार्ड (Debit Card) पर CVV क्या दर्शाता है?
डेबिट कार्ड (Debit Card) पर CVV, 3 अंकों वाला एक सिक्योरिटी नंबर है जो डेबिट कार्ड (Debit Card) के पिछले वाले हिस्से पर मैग्नेटिक स्ट्रिप (Magnetic strip) के नीचे सिग्नेचर बॉक्स के साथ में लिखा हुआ होता है।
3. डेबिट कार्ड के प्रकार (types of debit cards)
मास्टर कार्ड डेबिट कार्ड (MasterCard Debit Cards)
मेस्ट्रो डेबिट कार्ड (Maestro Debit Card)
बिना कांटेक्ट के डेबिट कार्ड (Contactless Debit Cards)
विसा डेबिट कार्ड (Visa Debit Cards)
रुपे डेबिट कार्ड (RuPay Debit Cards)
विसा इलेक्ट्रान डेबिट कार्ड (Visa Electron Debit Cards)
डेबिट कार्ड बनवाने के लिए पहले बैंक में खाता खुलवाइए ।
खाता खुलवाने के लिए फॉर्म भरिये और फॉर्म में डेबिट कार्ड का कॉलम और चेक बॉक्स टिक्क करिए यानी डेबिट कार्ड के कॉलम को चेक करिए और फॉर्म को पूरा भर कर अपने साइन करिए और जमा करा दीजिये ।
कुछ दिनों बाद बैंक आपके पते पर आपके सेविंग अकाउंट का किट भेजेगी | इस किट में पासबुक, डेबिट कार्ड और चेक बुक होगा |
डेबिट कार्ड का पिन बैंक जा कर ले लीजिये, जिसे आप बाद में बदल भी सकते हैं यदि बैंक खाता खुलवाने के बाद भी आपके पास डेबिट कार्ड नहीं आता है तब आप बैंक को संपर्क करिए।
प्रत्येक बैंक प्रतिवर्ष डेबिट कार्ड पर कुछ ना कुछ चार्जेस लेते रहते हैं।
SBI, ICICI, HDFC, PNB और Axis बैंक ₹100-200 चार्ज करते हैं | कार्ड खो जाने पर, यस बैंक और बैंक ऑफ इंडिया भी इसी दायरे में शुल्क लेती है।
सालाना मेंटेनेंस चार्ज के रूप में SBI, ICICI, HDFC, PNB और Axis बैंक 100 से ₹150 तक चार्ज करते हैं |
डेबिट कार्ड फायदे (Advantages Of Debit Card)
डेबिट कार्ड पर वही धनराशि खर्च होती है जो आपके बैंक खाते में उपलब्ध होती है। इसमें आप अपना पैसा स्वयं खर्च करते हैं और ऐसा होने से आपके उपर कोई क़र्ज़ नहीं आता |
डेबिट कार्ड से जब खरीदारी करते या एटीएम से कैश निकालते हैं तब बैंक खाते से पैसे कट जाते हैं
ऑनलाइन खरीदारी और लेन देन डेबिट कार्ड से कर सकते हैं |
डेबिट कार्ड द्वारा किये गये खर्चों का आपके सिबिल स्कोर (Cibil Score) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता |
डेबिट कार्ड के नुक्सान, Disadvantages of Debit Card
डेबिट कार्ड पर आमतौर, रोजाना खरीदारी की सीमा होती है। यदि आप इस सीमा को पार कर जातें हैं तब बैंक आप के ही पैसे पर, charges, या शुल्क काटने लग जाती है |
एसबीआई (SBI) के डेबिट कार्ड के लिए आपको पहले खाता खुलवाना होगा | यदि आपका खाता खुला हुआ है तब आपको अपने बैंक ब्रांच मैनेजर से बात करके, डेबिट कार्ड का एक फॉर्म भरना होगा यह फॉर्म भरकर आपको बैंक जमा करना होगा यदि फॉर्म में दिया गया सही रहा तब बैंक डेबिट कार्ड आपके पते पर भेज देती है | 4 अंको के पिन के लिए आपको ब्रांच संपर्क करके लेना होता है | इस पिन को बाद में बदल भी सकते हैं | इस पिन की मदद से आप एटीएम मशीन से कैश निकाल सकते हैं
रुपे डेबिट कार्ड, एनपीसीआई (NPCI) द्वारा जारी किया गया है |
इस कार्ड की मदद से आप सभी ऑनलाइन खरीदारी और लेन-देन कर सकते हैं |
इस कार्ड से, देशभर में, आप सभी एटीएम मशीन द्वारा लेनदेन कर सकते हैं।
इस कार्ड की सीमा केवल भारत देश तक ही सीमित है यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी लागू नहीं किया गया है ।
डेबिट कार्ड अप्लाई करने के लिए आपको बैंक जाकर पहले अकाउंट खुलवाना होगा |
अकाउंट खुलवाने के लिए आपको सभी फॉर्म और दस्तावेजों को भरने होंगे जिसमें डेबिट कार्ड का एक कॉलम होगा उस पर टिक करना होगा और फॉर्म जमा करके अप्लाई कर देंगे ।
बैंक आपके फॉर्म को चेक करेगा और यदि सब कुछ ठीक रहा तो आपका अकाउंट खुल जाएगा और कुछ दिनों बाद आपके पते पर बैंक अकाउंट का किट बैंक द्वारा भेज दिया जायेगा जिसमें पासबुक, डेबिट कार्ड, चेक बुक और अन्य खाता से संबंधित जानकारियां होंगी।
क्योंकि Debit cards में लेन देन के समय, खाते से तुरंत पैसे कट जाते हैं, इसीलिए इसमें ग्राहक को तुरंत भुगतान करना होता है | जबकि
क्रेडिट कार्ड (Credit cards) आपको पहले करिदारी करने और बाद में चुकाने का अवसर देता | इसमें आप जितना खर्च करते हैं, उसे स्टेटमेंट आने तक और समय रहते चुकाना पढ़ता है |
Debit vs ATM card, डेबिट कार्ड और एटीएम कार्ड में क्या फर्क है?
· डेबिट और एटीएम कार्ड में कुछ खास फर्क नहीं है | पहले एटीएम कार्ड सिर्फ एटीएम मशीन से कैश निकालने के लिए ही इस्तेमाल होता था लेकिन अब बैंक डेबिट कार्ड जारी करने लग गयी है जिससे खरीदारी कर सकते हैं और कैश एटीएम मशीन द्वारा निकल भी सकते हैं |
तुरंत अपने बैंक को फ़ोन द्वारा कार्ड चोरी या खो जाने की जानकारी दे | तुरंत जानकारी देने से आपके खाते के पैसे बच सकते हैं | जितनी देरी आप करेंगे उतना नुकसान हो सकता है | अपने कार्ड की कोई भी जानकारी जैसे की कार्ड नंबर, OTP, पासवर्ड, CVV इत्यादि, किसी से भी शेयर न करें |
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