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Credit Card, क्रेडिट कार्ड की ये जानकारियाँ आपको डूबने से बचा सकती हैं |

Updated: Nov 3, 2020

भारत में एक आम आदमी के लिए क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पाना बहुत ही कठिन कार्य है यह मुझसे बेहतर और कौन जानता है। हम जब भी बैंक जाते हैं क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या लोन के लिए तब बैंक वाले ऐसे ऐसे दस्तावेज हम से मांगते हैं जिसके बारे में हमें पता ही नहीं होता। कुछ लोग तो क्रेडिट कार्ड (Credit Card) को वरदान समझते हैं और कुछ पनौती। ऐसा क्या है इस प्लास्टिक कार्ड में जिसने लोगों को भरमाया हुआ है।


  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) 16 अंकों वाला एक pre-set यानि पहले से सेट किया हुआ, खर्च की सीमा वाला एक प्लास्टिक कार्ड है जो वित्तीय संस्था द्वारा कस्टमर को दिया जाता है जिससे कि वह बिना कैश और चेक के खरीदारी कर सकें।

  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर क्रेडिट की क्या सीमा होगी, यह कस्टमर के सैलरी, मासिक आय, और क्रेडिट स्कोर को देखते हुए, वित्तीय संस्था निर्धारित करती है। यदि कस्टमर का सिबिल स्कोर बहुत ही बेहतरीन होता है तब उसको क्रेडिट कार्ड (Credit Card) जारी करने में कोई परेशानी नहीं होती है।




  • कस्टमर अपने क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का जितना क्रेडिट, इस्तेमाल कर लेता है, उस क्रेडिट को उससे कुछ समय अवधि जैसे कि 30 से 45 दिनों के भीतर चुकाना भी पड़ता है |

  • इस समय अवधि को ग्रेस पीरियड कहते हैं यदि वह अपने कार्ड के सभी क्रेडिट को समय पर चुका देता है तब बैंक उससे कोई ब्याज नहीं वसूल थी लेकिन यदि वह समय रहते अपने क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के बिल का भुगतान नहीं करता है तब उसे बहुत फाइन और ब्याज भी भरना पड़ता है।


Credit card Front, www.dvami.com
  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर छपे हुए हर एक एलिमेंट का अपना ही एक पहचान है |

  • कार्ड के सामने वाले हिस्से पर क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का नंबर, क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का लोगो, क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का नाम, क्रेडिट कार्ड (Credit Card) धारक का नाम, कार्ड पर लगा हुआ चिप, कार्ड की वैध्यता, क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का नेटवर्क और उसके ऊपर कॉन्टैक्टलेस (contactless) कार्ड का आइकन (icon).

  • कार्ड के पिछले हिस्से में एक मैग्नेटिक स्ट्रिप, CVV Security कोड, Signature बॉक्स, होलोग्राम और कस्टमर हेल्पलाइन नंबर होता है|

  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर सीमा वही क्रेडिट है जो उस कार्ड की वित्तीय संस्था ने निर्धारित की है |

  • यदि आप इस सीमा से अधिक खर्च कर लेते हैं, तब आपको इसके लिए शुल्क देने पड़ते हैं जिसकी कारण आप का क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है | यदि क्रेडिट स्कोर को स्वस्थ रखना है तब क्रेडिट लिमिट का 30% से अधिक खर्च ना करिए |



  • न्यूनतम बैलेंस वह कम से कम भुगतान है जो आप अपने क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर वित्तीय संस्था को जमा कर सकते हैं |

  • यदि आप न्यूनतम बैलेंस से भी कम भुगतान करते हैं तब वह भुगतान क्रेडिट ब्यूरो के लिए अमान्य माना जाएगा। न्यूनतम बैलेंस आप के वर्तमान बैलेंस और ब्याज दर के हिसाब से आंका जाता है।

  • क्रेडिट कार्ड का भुगतान पूर्ण रकम में, समय रहते कर देना चाहिए |

  • आपकी कार्ड पर जो पॉइंट्स, क्रेडिट खर्च करने पर मिलते हैं वही रीवार्ड प्वाइंट्स कहलाते हैं |

  • यह रीवार्ड प्वाइंट्स कैशबैक, पेबैक प्वाइंट्स (Payback Points) या माइल्स (Miles) के रूप में भी मिलते हैं ।

  • यह reward पॉइंट्स जब तक आप इस्तेमाल नहीं कर लेते तब तक इकट्ठा होते जाते हैं |

  • समय रहते इनको रेडीम ना करने पर इनकी वैध्यता ख़तम हो जाती है और यह पॉइंटस अमान्य हो जाते हैं

क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर CVV क्या दर्शाता है?


Credit card back, www.dvami.com
  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर CVV, 3 अंकों वाला एक सिक्योरिटी नंबर है जो क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के पिछले वाले हिस्से पर मैग्नेटिक स्ट्रिप (Magnetic strip)के नीचे सिग्नेचर बॉक्स के साथ में लिखा हुआ होता है।

  • अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड में यह CVV नंबर चार अंको का होता है और यह क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के सामने वाले हिस्से पर अंकित होता है।


क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर एक्सपायरी डेट का क्या मतलब है?

  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर एक्सपायरी डेट यह दर्शाता है कि वह कार्ड कब तक मान्य है। इसमें वैध्यता महीने और साल के रूप में अंकित होती है |

  • जिस महीने तक यह वैद्य होता है उस महीने के आखिरी तारीख तक इस्तेमाल किया जा सकता है यदि हम इसके आगे भी इस्तेमाल करने की कोशिश करें तब यह अमान्य बताता है और लेन देन पूरा नहीं हो पाता है |


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क्रेडिट कार्ड (Credit Card) में कार्ड धारक का नाम कहां होता है?

  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) में कार्ड धारक का नाम सामने वाले हिस्से पर होता है | यह कार्ड धारक का नाम किसी भी सरकारी आईडी कार्ड से मिलना चाहिए | सामान्य तौर पर इसमें कार्ड धारक का पूरा नाम होता है।


  • जब आप किसी भी दुकान, स्टोर, पेट्रोल पंप, टर्मिनल या एटीएम मशीन पर क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल करते हैं तब क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर लगी हुई चिप लेनदेन (transactions) की सभी जानकारियां को एंक्रिप्ट (encrypt) कर देता है जिसकी वजह से लेनदेन (transactions) की सभी जानकारियां सिक्योर यानी सुरक्षित हो जाती है |

  • मैग्नेटिक स्ट्रिप (Magnetic strip) कार्ड के पीछे लगा हुआ एक काले रंग की पट्टी होती है जो आपके लेनदेन (transactions) के जितने भी डाटा होता है, उसे एक बार में सेव (save) कर लेती है और यह डाटा को व स्टैटिक (static) रखती है


  • 16 अंक के क्रेडिट कार्ड (Credit Card) नंबर कि खास विशेषता है|

  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर लगे हुए पहले 6 अंक जारीकर्ता का identification नंबर होता है जिसे Issuer Identification Number (IIN) कहते हैं

  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर लगे हुए अगले 9 अंक यानी 7 से लेकर 15 तक, कार्ड धारक का अकाउंट नंबर बताता है | यह यूनिक (unique) अकाउंट नंबर कार्ड धारक के वित्तीय संस्था द्वारा कार्ड पर दिया जाता है इसी नंबर पर सुरक्षा कारणों के लिए क्रॉस लगा दिया जाता है |

  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का 16 वां अंक एक चेक अंक होता है यह बताता है कि कार्ड नंबर बिल्कुल सही है या नहीं |

क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का पिन क्या काम करता है?

  • जिस तरह आप के एटीएम कार्ड या डेबिट कार्ड का पिन एटीएम मशीन में जाकर इस्तेमाल करने के लिए होता है उसी तरह से क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर भी पिन दिया जाता है जिसकी मदद से आप एटीएम मशीन में जाकर क्रेडिट कार्ड (Credit Card) की मदद से कैश निकाल सकते हैं |

  • यह पिन पॉइंट ऑफ सेल्स, Point of Sales (POS), टर्मिनल पर भी इस्तेमाल करके, transaction, को सफलतापूर्वक किया जा सकता है |

  • इस पिन को कार्ड धारक अपने अनुसार सुरक्षा कारणों से, बदल भी सकता है |



  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल सभी ऑनलाइन लेनदेन (transactions) के लिए करिए|

  • इसका इस्तेमाल कैश लेनदेन (transactions) के लिए बहुत ही कम या सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही करिए

  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल पॉइंट ऑफ सेल या मर्चेंट टर्मिनल पर भी आप कर सकते हैं |

  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल बड़े लेन-देन के लिए करिए |

  • छोटे लेनदेन (transactions) के लिए क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल बहुत कम करिए |

  • समय पर क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के बिल का भुगतान न करने से आपको फाइन, बयाज और पेनल्टी का सामना करना पड़ता है जोकि क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के नॉर्मल इंटरेस्ट रेट से बहुत ज्यादा होता है और यह आपके सिबिल स्कोर पर भी प्रभाव डालता है जिसकी वजह से आप को बैंक से लोन लेने में दिक्कत होती है |

  • क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का बिल समय रहते ना भरने से इसका मूलधन में ब्याज, फाइन और अन्य शुल्क बढ़ता ही जाता है, जो आगे चलकर एक बड़ी रकम बन जाता है जिसे चुका पाना मुश्किल हो जाता है, इसीलिए यह पनौती भी है |




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